| Format | Availability Status | Price |
|---|---|---|
| Paperback | In stock |
400.00 |
Publsiher: Astha Prakashan Varanasi
Publication Date: 22 Jun, 2013
Pages Count: 335 Pages
Weight: 400.00 Grams
Dimensions: 5.63 x 8.75 Inches
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About the Book:
मेरी यह अन्तिम जिज्ञासा है और वह यह कि तंत्र-मंत्र पर सारी छोटी बड़ी पुस्तके प्रकाशित हैं । 'तन्त्रम्' की क्या विशेषता है।सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पुस्तक स्वानुभवपूर्ण है। क्या है? तंत्र की साधना किसके लिए है? तंत्र के मार्ग पर कौन को सकता है? तांत्रिक साधना में सफलता और सिद्धि किसे प्राप्त होती है। तंत्र साधक में कौन-कौन से गुण और कौन-कौन सी योग्यता होते चाहिए? तंत्र मार्ग चलने का अधिकारी कौन है और इस प्रकार के अश्नों का उत्तर प्राप्त होगा आपको तन्त्रम् में। वास्तव में तंत्र के दार्शनिक पक्ष, आध्यात्मिक पक्ष, क्रिया पक्ष और शास्त्रीय पक्ष का समन्वय है तन्त्रम् । यदि विचारपूर्वक देखा जाए तो मेरे दीर्घकालीन चिन्तन-मनन अध्ययन और अनुभव का परिणाम है मेरी यह कृति इसमें सन्देह नहीं। मुझे पूर्ण विश्वास और पूर्ण आशा है तन्त्रम् के द्वारा तंत्र के अध्यात्मिक क्षेत्र में प्रबुद्ध पाठकों को एक नई दिशा प्राप्त होगी । इसके अतिरिक्त निवारण होगा तंत्र के प्रति उनकी भ्रामक धारणा का भी।
"तन्त्रम्" एक स्वानुभवपूर्ण ग्रंथ है जो तंत्र के दार्शनिक, आध्यात्मिक और व्यावहारिक पक्षों को सरलता से प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक तंत्र साधना की मूलभूत शर्तों, साधक के गुणों और सिद्धि के रहस्यों को गहराई से समझाती है। गुरुजी का यह ग्रंथ तंत्र के प्रति भ्रांतियों को दूर करते हुए साधकों को एक स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करता है।
पंडित अरुण कुमार शर्मा
पंडित मनोज कुमार शर्मा जी का बायोडाटा