| Format | Availability Status | Price |
|---|---|---|
| Paperback | In stock |
350.00 |
Publsiher: Astha Prakashan Varanasi
Publication Date: 14 Oct, 2010
Pages Count: 463 Pages
Weight: 500.00 Grams
Dimensions: 5.63 x 8.75 Inches
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About the Book:
सब कुछ सुनने के बाद रामेश्वर पाण्डेय सिर उठाकर नीले आकाश की ओर शून्य में न जाने क्या देखते हए गम्भीर स्वर में बोले- है शर्माजी है। क्या? आतुर हो उठा मैं।
'आवाहन' ।
आवाहन, समझा नहीं।
उच्चस्तरीय दिव्य आत्माओं को आकर्षित करने और उनसे संपर्क साधने के लिए आवाहन आवश्यक है। 'आवाहन' के दो प्रकार हैं-पहला है तांत्रिक है दूसरा है योगिक । तांत्रिक आवाहन में मंत्रशक्ति और योगिक आवाहन में प्राणशक्ति काम करती है। जिसके वशीभूत होकर दिव्यात्माएँ स्वयं आकर्षित होकर साधक के सान्निध्य में आ जाती हैं। कभी-कभी तो आवश्यकता पड़ने पर अपने लोक में भी ले जाती हैं साधक को। फिर पाण्डेयजी ने दोनों प्रकार के आवाहन की प्रक्रिया बतलायी मुझे। इस बात की प्रसन्नता हुई कि अनजाने में मुझे दिव्यात्माओं के अतिरिक्त रहस्यमय लोक-लोकान्तरों में निवास करने वाली आत्माओं को पृथ्वी के वायुमण्डल में बुलाने के लिए एक अतिदुर्लभ तांत्रिक और यौगिक प्रक्रिया उपलब्ध हो गयी थी पाण्डेयजी से। भला मैं उस समय क्या जानता था कि एक बड़ी भारी भूल कर रहा हूँ जीवन में।
इस अंश में तंत्र और योग के माध्यम से दिव्य शक्तियों के 'आवाहन' की विलक्षण विधि का वर्णन है, जो साधक को रहस्यमय लोकों तक पहुँचा सकती है। परन्तु यह ज्ञान एक दोधारी तलवार है - अनुभवहीन हाथों में यह अनजाने में ही भयावह परिणाम ला सकती है।
पंडित अरुण कुमार शर्मा
पंडित मनोज कुमार शर्मा जी का बायोडाटा