हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे मूल्यवान कोई अंग है तो वह है नेत्र । महत्वपूर्ण और मूल्यवान होने का कारण यह है कि इसका सीधा संबंध स्थूल शरीर, सूक्ष्म शरीर और मनोमय शरीर से जुडा हुआ है। नेत्र more...
वैरागी यानि जो व्यक्ति इतना समर्थ है कि सुख-दुख विषय वस्तुओं के बीच में रहता हुआ भी अप्रभावित बना रहे। वही सच्चा वैरागी है। वैराग्य स्वतः पैदा होने का भाव है और भाव तभी पैदा होगा जब जीवन में more...